Your browser does not support JavaScript or it has been disabled. Some features of this site may not work.

संसद का शीतकालीन सत्र 2024: PM Narendra Modi के संबोधन की 10 बड़ी बातें
News Apke Saath Logo
Ravi Kumar

Ravi Kumar

Hey there

Latest Posts

Top Posts

संसद का शीतकालीन सत्र 2024: PM Narendra Modi के संबोधन की 10 बड़ी बातें

संसद का शीतकालीन सत्र 2024: PM Narendra Modi के संबोधन की 10 बड़ी बातें

 

 

 

1. संविधान के 75वें वर्ष का उत्सव

प्रधानमंत्री मोदी ने संविधान के 75वें वर्ष को लोकतंत्र के लिए एक ऐतिहासिक अवसर बताया। उन्होंने कहा कि यह समय संविधान निर्माताओं को याद करने और उनके योगदान को सम्मानित करने का है। उन्होंने संविधान को भारत की प्रगति का आधार बताते हुए इसे "उत्तम दस्तावेज" करार दिया।

 


2. संसद में स्वस्थ चर्चा का आह्वान

प्रधानमंत्री ने संसद में सार्थक और सकारात्मक चर्चा की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र का आधार संवाद है और सभी सांसदों को अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए। उन्होंने अपील की कि हर सांसद संसद के समय का उपयोग जनता की भलाई के लिए करें।

 


3. विपक्ष पर तीखा हमला

पीएम मोदी ने उन विपक्षी दलों पर कटाक्ष किया, जिन्हें जनता ने बार-बार नकारा है। उन्होंने कहा कि ये दल संसद की कार्यवाही को बाधित करने का प्रयास करते हैं और लोकतांत्रिक मूल्यों का अनादर करते हैं। उन्होंने इसे देश और लोकतंत्र के लिए हानिकारक बताया।

 


4. युवाओं और नए सांसदों की भूमिका

प्रधानमंत्री ने नए सांसदों और युवाओं की ऊर्जा और विचारों की सराहना की। उन्होंने कहा कि सभी राजनीतिक दलों को नए सदस्यों को अपने विचार व्यक्त करने का मौका देना चाहिए। यह लोकतांत्रिक परंपरा का हिस्सा है।

 


5. संसद में हुड़दंग की निंदा

प्रधानमंत्री ने संसद में बाधा डालने वाले नेताओं की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि मुट्ठी भर लोग संसद की कार्यवाही रोकने की कोशिश करते हैं, जिससे न केवल संसद का समय बर्बाद होता है, बल्कि नए सांसदों का हक भी छीना जाता है।

 


6. लोकतंत्र के प्रति जनता की निष्ठा

प्रधानमंत्री ने भारत के मतदाताओं की प्रशंसा करते हुए कहा कि जनता लोकतंत्र और संविधान के प्रति गहरी निष्ठा रखती है। उन्होंने कहा कि संसद में बैठने वाले सांसदों को जनता की उम्मीदों पर खरा उतरना चाहिए।

 


7. वैश्विक स्तर पर भारत की भूमिका

पीएम मोदी ने कहा कि आज विश्व भारत की ओर उम्मीद भरी नजरों से देख रहा है। उन्होंने संसद को इस समय का सदुपयोग करने और भारत की वैश्विक प्रतिष्ठा को और ऊंचा करने की अपील की।

 


8. समय की बर्बादी पर चिंता

प्रधानमंत्री ने पिछले सत्रों में हुई समय की बर्बादी पर अफसोस जताया। उन्होंने कहा कि सांसदों को अब अपने समय का बेहतर उपयोग करना चाहिए और सार्थक चर्चाओं के जरिए जनता की समस्याओं का समाधान निकालना चाहिए।

 


9. लोकतांत्रिक परंपरा का सम्मान

प्रधानमंत्री ने कहा कि हर पीढ़ी का कर्तव्य है कि वह आने वाली पीढ़ियों को लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए तैयार करे। उन्होंने कहा कि संसद में स्वस्थ और रचनात्मक चर्चा से ही यह संभव हो सकता है।

 


10. सत्र से उम्मीदें

प्रधानमंत्री ने उम्मीद जताई कि यह सत्र संविधान के 75वें वर्ष के उत्सव को सार्थक बनाएगा। उन्होंने कहा कि यह सत्र नए विचारों का स्वागत करेगा और भारत की वैश्विक गरिमा को बढ़ाएगा।

 


निष्कर्ष

प्रधानमंत्री मोदी का यह संबोधन शीतकालीन सत्र 2024 को एक नई दिशा देने वाला है। उन्होंने न केवल लोकतांत्रिक मूल्यों और संविधान के महत्व को रेखांकित किया, बल्कि संसद को सार्थक चर्चा और जिम्मेदार व्यवहार का मंच बनाने पर जोर दिया। यह सत्र निश्चित रूप से भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में एक मील का पत्थर साबित हो सकता है।

 

Last Updated

Nov. 25, 2024, 7:28 a.m.

Location

New Delhi, Delhi, India

Category

Politics

Comments

Latest Posts

Explore the most popular posts today

Trending Now

Explore the most popular posts today

From All Post

From Same Category

Latest Jobs